पसंदीदा के बा विधा के बारे में बतावल गइल बा
  1. देशन के बा
  2. पाकिस्तान के ह
  3. विधा के बारे में बतावल गइल बा
  4. जाज संगीत के बारे में बतावल गइल बा

पाकिस्तान में रेडियो पर जैज संगीत

पाकिस्तान में जैज संगीत के समृद्ध इतिहास बा जहाँ कई गो प्रतिभाशाली संगीतकार लोग अपना बिसेस शैली आ एह बिधा में योगदान खातिर जानल जाला। पाकिस्तान में जाज के जड़ 1940 के दशक से लगावल जा सकेला जब सोहेल राना आ अमजद बॉबी जइसन प्रमुख संगीतकार लोग अपना रचना में जाज संगीत के तत्वन के शामिल करे लागल। पाकिस्तानी जैज कलाकारन में से एगो नसीरुद्दीन सामी बाड़ें, जे एगो पियानोवादक, आ संगीतकार हवें जे अपना काम खातिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता अर्जित कइले बाड़ें। इनके जैज रचना सभ में पारंपरिक पाकिस्तानी संगीत आ पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत के सामिल कइल गइल बा, जेकरा से एगो अनोखा मिश्रण बने ला जे श्रोता लोग के मोहित करे ला। पाकिस्तान के एगो अउरी प्रमुख जाज कलाकार हउवें अख्तर चनल जहरी, जे सोरोज नाम के देशी वाद्ययंत्र के प्रयोग से प्रसिद्धि हासिल कइलें। जहरी के जैज आ पारंपरिक बलूच संगीत के फ्यूजन से भी इनके ग्लोबल फॉलोइंग मिलल बा। पाकिस्तान में जाज संगीत के बढ़ावा देवे में रेडियो पाकिस्तान के बहुत जरूरी भूमिका रहल बा। रेडियो स्टेशन पर अक्सर जैज कलाकारन आ कार्यक्रमन के प्रदर्शन होला जवना में लोकप्रिय शो “जैज नाम” शामिल बा जवना में पाकिस्तानी आ अंतर्राष्ट्रीय कलाकारन के ताजा जैज रिलीज के देखावल जाला. जैज संगीत के एफएम 91 पर भी घर मिल गइल बा, ई एगो निजी रेडियो स्टेशन हवे जे अपना एयरटाइम के कुछ हिस्सा जैज संगीत खातिर समर्पित करे ला। निष्कर्ष में कहल जा सकेला कि पाकिस्तान में जैज संगीत के एगो महत्वपूर्ण मौजूदगी बा, कई गो प्रतिभाशाली कलाकार एह विधा के सीमा के धक्का देले बाड़े। पाकिस्तानी जैज दृश्य के बिकास जारी बा, अउरी युवा संगीतकार लोग जाज के प्रयोग करे ला आ एकरा के अपना काम में सामिल करे ला। एह बिधा के लोकप्रियता बढ़त रहे के उमेद बा, एकर श्रेय जाज संगीत के प्रचार आ प्रदर्शन खातिर समर्पित रेडियो स्टेशन सभ के बढ़त संख्या के जाला।