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म्यांमार के रेडियो पर लोक संगीत

म्यांमार के संगीत उद्योग में लोक विधा के अहम भूमिका रहल बा जवना के बर्मा के नाम से भी जानल जाला। ई पारंपरिक आ आधुनिक ध्वनि के मिश्रण ह जवन देश के सांस्कृतिक समृद्धि आ विविधता के चित्रण करेला। लोकगीत बर्मी के साथे-साथ अउरी स्थानीय भाषा सभ में भी गावल जालें आ अक्सर प्रेम, प्रकृति आ समाज के बिसय भी सामिल होलें। लोक विधा के सबसे लोकप्रिय कलाकारन में से एगो हउवें फ्यू फ्यू क्याव थेन जिनके उपनाम “द प्रिंसेस ऑफ म्यांमार पॉप” दिहल गइल बा. इनके खोज 2000 के दशक के सुरुआत में भइल आ एकरे बाद से इनके कई गो एल्बम रिलीज भइल जे चार्ट-टॉपर बन गइल बाड़ें। इनके संगीत में पारंपरिक आ आधुनिक दुनों तरह के आवाज के मिश्रण होला आ इनके गीत अक्सर प्रेम, सशक्तिकरण, आ शांति नियर मुद्दा सभ पर केंद्रित होला। एगो अउरी लोकप्रिय कलाकार साई साईं खाम लेंग हवें जे देश के एगो जातीय अल्पसंख्यक समूह के बोले वाली शान भाषा में गावे खातिर जानल जालें। ऊ अपना संगीत में सौंग आ हसैंग-वाइंग नियर वाद्ययंत्र सभ के सामिल करे लें जे परंपरागत बर्मी वाद्ययंत्र हवें। म्यांमार में लोक संगीत बजावे वाला कई गो रेडियो स्टेशन बाड़ें जिनहन में देश के दुसरा सभसे बड़ शहर में स्थित मंडले एफएम भी सामिल बा। ई लोग पारंपरिक आ आधुनिक लोकगीत सभ के मिश्रण के साथे-साथ रॉक आ पॉप नियर अउरी बिधा सभ के भी बजावे ला। एगो अउरी लोकप्रिय रेडियो स्टेशन बा श्वे एफएम जवन देश के सबसे बड़ शहर यांगोन में स्थित बा। ई लोग लोक समेत कई किसिम के बिधा के भी बजावे ला आ स्थानीय कलाकार लोग के बिसेसता देखावे खातिर जानल जाला। कुल मिला के म्यांमार में लोक विधा के पनपल आ विकास जारी बा, नियमित रूप से नया कलाकार आ शैली के उदय हो रहल बा। एकर समृद्ध सांस्कृतिक जड़ आ मनमोहक धुन एकरा के देश के संगीत जगत के एगो प्रिय हिस्सा बना देले बा।



लोड हो रहल बा रेडियो बाजत बा रेडियो रुक गइल बा स्टेशन फिलहाल ऑफलाइन बा