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भारत में रेडियो पर साइकेडेलिक संगीत

भारत में साइकेडेलिक संगीत एगो लोकप्रिय बिधा हवे जेकर सुरुआत 1960 के दशक के अंत आ 1970 के दशक के सुरुआत में भइल आ ई पाश्चात्य साइकेडेलिक रॉक आंदोलन से प्रभावित भइल। एह में रॉक, जैज, आ लोक के साथे-साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत के तत्व भी सामिल कइल गइल बा। साइकेडेलिक ध्वनि के बिसेसता बा कि बिकृत गिटार के आवाज, रिवरब आ इको इफेक्ट के इस्तेमाल होला आ साथ ही साथ ट्रिपी गीत भी होला जे अक्सर आध्यात्मिक बिसय सभ में गहिराई से उतरे लें। भारत में साइकेडेलिक विधा के सबसे लोकप्रिय कलाकारन में से एगो बा परिक्रमा, जवन दिल्ली के एगो बैंड ह जवन अपना उच्च ऊर्जा वाला प्रस्तुति आ मौलिक रचना खातिर जानल जाला। एगो अउरी लोकप्रिय समूह बा हिंद महासागर, जवन रॉक, फ्यूजन, आ भारतीय शास्त्रीय संगीत के मिला के एगो अनोखा ध्वनि बनावेला जवन भारतीय संगीत जगत के एगो मुख्य हिस्सा बन गइल बा। भारत में साइकेडेलिक संगीत बजावे वाला रेडियो स्टेशन सभ में इंडिया साइकेडेलिक रेडियो आ रेडियो सिजोइड सामिल बाड़ें जे दुनों दुनिया भर के साइकेडेलिक आ ट्रिपी संगीत बजावे खातिर समर्पित बाड़ें। एह स्टेशन सभ पर अक्सर आधुनिक समय के कलाकार लोग के साथे क्लासिक साइकेडेलिक रॉक के भी इस्तेमाल होला, एह बिधा के मजा लेवे वाला श्रोता लोग खातिर संगीत के बिबिध रेंज उपलब्ध करावे ला। कुल मिला के भारत में साइकेडेलिक विधा के एगो मजबूत फॉलोइंग बा आ ई लगातार फलत-फूलत बा, पारंपरिक भारतीय संगीत के आधुनिक पाश्चात्य तत्वन के साथे मिला के एगो अनोखा आ रोमांचक ध्वनि बनावल गइल बा। चाहे रउआ क्लासिक रॉक के प्रशंसक होखीं भा आधुनिक फ्यूजन, भारत के साइकेडेलिक संगीत जगत में सभका खातिर कुछ ना कुछ बा.