प्रसारण का समय प्रतिदिन 6 घंटे से बढ़ाकर पूरे 24 घंटे का कार्यक्रम कर दिया गया। लक्षित समूह मुख्य रूप से छात्र, छात्र और प्रवासी हैं। कार्यक्रमों की श्रेणी में विभिन्न तत्व शामिल हैं: बाहरी संपादकों द्वारा प्रायोगिक इन-हाउस प्रोडक्शन, जातीय समूह कार्यक्रम, क्षेत्रीय रेडियो कार्यक्रम।
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