आपन एगो जगह, एगो नॉस्टेलजिक शरण, जहाँ आराम करीं, जहाँ आपन सगरी समस्या भुला जाईं, कहाँ जवन बनल चाहत बानी, जहाँ अपना के सकारात्मक ऊर्जा से चार्ज करीं, जहाँ रउरा किशोरावस्था से प्यार करे वाला संगीत सुने के चाहीं, जहाँ अद्भुत लोग से भेंट कइल जा सकेला जे राउर विचार आ भावना के साझा करेला, ईमानदारी से, बुद्धि से, हिम्मत से..
तब, रउरा रोमानिया में रहत बानी आ रउरा एगो शरण, सहारा के बिंदु, एगो परिचित जगह खोजे के पड़ी जवन रउरा आशावाद, शांति, मन के शांति आ जिए के खुशी के बहाल कर देव.
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