रेडियो मेरगिमी के पहिला बेर 28 नवंबर 2008 के सुनल गइल आ अल्बेनियाई भाषा बोले वाला हर आदमी खातिर, हर आदमी खातिर जे अकेला महसूस करे वाला आदमी खातिर आपन दरवाजा खोल दिहलसि, काहे कि अकेला आदमी आधा मर गइल बा, एहसे हमनी का रेडियो होखल उचित समझनी जा जइसे कि रेडियोमेर्गिमी, जहाँ हमनी के मिल के अलग अलग शो जइसे कि शो "ब्रेंगा जेटे" के साथे खुशी आ दुख दुनु साझा करे में कामयाब हो जानी जा जवन हर शनिचर के LIVE प्रसारित होला!.
रेडियो मर्जिमिट के स्टाफ 7 गो अलग-अलग स्टूडियो से बनल बा, आ सभ स्टाफ स्वैच्छिक काम (बिना वेतन के) करे ला बस एक दुसरा से बेसी से बेसी एकजुट होखे खातिर आ टकराव ना होखे खातिर।
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