1995 के बात ह, आ 4 जुलाई से हमनी के भी उनुका साथे रेसिंग शुरू कईनी जा। संवाद करे के इच्छा आ रेडियो के प्रति बड़हन जुनून रेडियो उन्माद fm में बदल गइल! आज ऊ हेडफोन वाला छोटका आदमी बड़ हो गइल बा, बाकिर रउरा सभे हमनी के बात सुन सकेनी, संपर्क कर सकेनी आ दुनिया के कोना-कोना में पढ़ सकेनी।
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