साठ के दशक के रेडियो आत्मा, आसान सुनल, लैटिन खांचे। जब लोग अभी भी क्लब में धूम्रपान करत रहे त रंगीन नायलॉन ड्रेस में मेहरारू आपन करिया आईलाइनर लगावत रहली आ मरद आपन व्हिस्की के चुस्की लेत रहले, सोल, पॉपकॉर्न, आसान सुनल आ बोसा नोवा संगीत के चरम पर रहे! ग्रूवी के नमस्कार बा!.
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