सामुदायिक सेवा, राज्य के दृष्टि, धरती के छोर तक वचन के ले जाए के !! आत्मा आ सच्चाई में वचन के बीज बोवत !! पवित्र शास्त्र के पालन करे खातिर लोग के मार्गदर्शन करत! आज्ञा के पालन करत बानी! आ एकर कर्ता होके सच्चा फल देबे खातिर, सगरी भावुकता के दूर करत, अपना बाबूजी का सोझा सच्चा दिल वाला लोग होके !! हर जगह, हर जाति, धरती के छोर तक वचन के प्रचार करत रहले। रउआँ के मिलेला: प्रशंसा, आराधना, शब्द के चिंतन।
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