मुख्य रूप से जावानी संगीत बजा के हमनी के कोशिश बा कि दोसरा देशन के परिवारन से कमी आ दूरी कम कइल जाव. हमनी के कार्यक्रम जावानी आ डच दुनु भाषा में दिहल जाला. संक्षेप में कहल जाव त सभका खातिर कुछ ना कुछ होला. गमेलन से लेके क्रोकॉन्ग आ पॉप जवा से लेके रॉक तक के अलग अलग संगीत विधा पर चरचा कइल जाई. 2002 में रेडियो बंगसा जावा के डच रेडियो पर सबसे बढ़िया जावानी कार्यक्रम के पुरस्कार मिलल।
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