फंक संगीत के सालन से घाना के संगीत के आकार देवे में महत्वपूर्ण भूमिका रहल बा। 1960 के दशक में शुरू भइल घाना के फंक दृश्य में स्थानीय कलाकार लोग के बोलबाला रहल जे लोग परंपरागत अफिरकी लय आ वाद्ययंत्र सभ के अमेरिकी फंक प्रभाव के साथ मिला दिहल। एह संलयन के चलते एगो अनोखा ध्वनि के निर्माण भइल जवन आजु ले लोकप्रिय बा।
घाना के सबसे लोकप्रिय फंक कलाकारन में से एगो ई.टी. मेनसाह, जेकरा के "हाईलाइफ के राजा" के नाम से भी जानल जाला। मेनसाह के संगीत में पारंपरिक घाना संगीत के आवाज के फंक आ जैज तत्वन के संयोजन कइल गइल बा, जवना से एगो अनोखा आ गतिशील ध्वनि बनावल गइल बा। एगो अउरी प्रमुख कलाकार बाड़ें ग्येडू-ब्ले अम्बोली, जे अपना फंकी साउंड खातिर जानल जालें आ इनके "सिमिग्वा डू मैन" के नाँव से जानल जाला।
घाना में कई गो रेडियो स्टेशन बाड़ें जे फंक संगीत बजावे लें, जिनहन में जॉय एफएम आ वाईएफएम सामिल बाड़ें। खासतौर पर जॉय एफएम में "कॉस्मोपॉलिटन मिक्स" नाँव के शो देखावल गइल बा जेह में फंक, सोल आ अउरी बिधा सभ में सभसे नीक चीज देखावल गइल बा। वाईएफएम में "सोल फंकी फ्राइडेज" नाँव के शो भी बा, जवन खास तौर पर फंक संगीत पर केंद्रित बा।
कुल मिला के, फंक संगीत के घाना के संगीत आ संस्कृति पर, आ ई.टी. मेनसाह आ ग्येडू-ब्ले अम्बोली एकर स्थायी आकर्षण के गवाही के काम करेला.